Heaven, Hell, Salvation, Religion, स्वर्ग, नर्क, मोक्ष एवं धर्मं

स्वर्ग नर्क और मोक्ष वैसे तो मानसिक दशाओं की स्थिति का नाम है बावजूद अधिसंख्य लोग कल्पनाओ में स्वर्ग और मोक्ष को भौतिक जगत में कोई स्थान और परलोंगिक कोई लोक मानते है जहां पर होने से शरीरगत कोई भी दुख पीड़ा और संताप से इन्सान मात्र मुक्त होता है और जन्म मरण से मुक्ति मिल जाती है. दरअसल मनुष्य की कल्पना में औरो से श्रेष्ठ हो जाने की बहुत बड़ी लालसा छिपी होती है जिसका ही यह सूचक मात्र है. जहां तक बात नर्क की है तो यह भी कल्पनाओ के जगत की ही पैदावार है. वस्तुतः स्वर्ग नर्क और मोक्ष मानसिक तल का नाम है जिसमे सिर्फ जीया जा सकता है. कोई व्यक्ति नारकीय वातावरण में रहकर भी स्वयं स्वर्गातित अनुभव को उपलव्ध हो सकता है यह उसके मानसिक तल की गहराई और ऊचाई का ही प्रतिबिम्ब होंगा. हां, इतना जरुर तय है की इस स्थिति को प्राप्त करने के लिए मनुष्य का जन्म जरुरी होंगा. इस चौराहे पर आना तो होंगा ही. मनुष्य का जन्म वो चौराहा है जहां से मनुष्य चाहे तो पशु भी हो सकता है और चाहे तो देवता. सब कुछ उनके मानसिक धरातल पर निर्भर करेगा. स्वर्ग और मोक्ष का रास्ता इसी चौराहे से ही होकर जाया जा सकता है यह तय है इसमे कोई सं...